Tuesday, 2 July 2013

भारत में मुस्लिम मांगों से निपटने के तरीके

क्या आप जानते हैं कि...... दुनिया के लगभग 194 देशों में से भारत ही एक ऐसा एकलौता देश है.... जहाँ.... समानांतर में दो तरह के कानून चलाये जाते हैं....!

एक मुस्लिमों के लिए..... और, दूसरे गैर-मुस्लिमों के लिए....!

मुस्लिमों के लिए जो अलग से कानून है ..... उसे "मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड" कहा जाता है ...... जो मुस्लिमों को अपने शरियत के हिसाब से उन्हें 4 -5 शादियाँ करने..... तथा, मनपसंद तरीके से तलाक देने की स्वतंत्रता देता है...!

इसके अलावा ..... भारत ही पूरी दुनिया में एकमात्र देश है.... जो मुस्लिमों को हज यात्रा में सब्सिडी दिया करता है...!

इन सब के अलावा भी..... मुस्लिमों को भारत में सरकारी पैसे ( सभी धर्म के लोगों के टैक्स के पैसे , अधिकाँश हिन्दू) से..... कब्रिस्तानों की घेराबंदी, मदरसे में मौलवियों को वेतन (जबकि कब्रिस्तान और मदरसे सिर्फ मुस्लिमों के लिए ही होते हैं.... जबकि पैसा सभी का लगता है) .... मुफ्त शिक्षा , अनुदान ........ और भी ना जाने क्या-क्या....!

लेकिन.... इतना करने के बाद भी..... भारत में मुस्लिम संतुष्ट नहीं हैं..... और, सुरसा की भांति उनके मुंह ......दिन प्रतिदिन फैलते ही जा रहे हैं....!

आजकल तो हद ही है कि...... अब मुस्लिमों को ये भी लगने लगा है कि..... अब हिंदुस्तान का प्रधानमत्री और राष्ट्रपति तक उनसे और उनके मौलवियों से ही पूछ कर तय किये जाने चाहिए नहीं तो..... मुस्लिम समुदाय की भावना आहत हो जायेगी....!

आज नित नए बढ़ते मुस्लिमों की मांगों और उनकी असंतुष्टि को देखते हुए ..... मुझे एक कहानी याद आ गयी..... और, मुझे लगता है कि.... इसी कहानी में मुस्लिम रूपी समस्या का समाधान भी छुपा हुआ है....!

कहानी कुछ यूँ है कि.....

किसी राजा के पास एक बकरा था.....और , वो राजा उस बकरे की भुक्खड़ प्रवृति से बहुत परेशान रहा करता था .. क्योंकि, राजा उस बकरे को चाहे जितना भी खिला ले.... उस बकरे की भूख शांत ही नहीं होती थी... ( ठीक भारतीय मुसलामानों की तरह ही) ....

इसीलिए.. बकरे की भूख से त्रस्त होकर उस राजा ने एक दिन ऐलान किया कि...... जो कोई भी इस बकरे को जंगल में चारा खिला कर तृप्त कर देगा...... मैं उसे अपना आधा राज्य दे दूंगा....!

लेकिन शर्त ये है कि..... बकरे का पेट भरा है या नहीं.... इसकी परीक्षा मैं खुद करूँगा ...!

राज के इस ऐलान को सुनकर..... एक आदमी आया और राजा को कहा कि..... ये कोई बड़ी बात नहीं है.... और, मैं ऐसा कर सकता हूँ....!

यह कहकर ... वो आदमी उस बकरे को लेकर जंगल चला गया और उसे सारे दिन घास खिलाता रहा.... !

इस तरह उस आदमी ने बकरे को दिन भर खूब घास खिलाया .... और, सोचा कि .. आज तो बकरे ने सारे के सारे दिन खूब घास खायी है.... और इसका पेट तो जरुर भर ही गया होगा.... इसीलिए अब इसे राजा के पास ले चलता हूँ....!

ऐसा सोच कर ... वो आदमी बकरे के साथ राजा के पास गया...!

उस आदमी के आते ही.... राजा ने परीक्षा के लिए.... थोड़ी सी हरी घास बकरे के सामने रखी तो... बकरा उसे तुरत ही खाने लगा....!

इस पर राजा ने उस आदमी से कहा कि..... तूने इसे भरपेट खिलाया ही नहीं..... अन्यथा ये फिर से घास क्यों खाने लगता....????

इसी तरह .... बहुत सारे लोगों ने.... उस बकरे का पेट भरने का प्रयत्न किया.... परन्तु, ज्यों ही दरबार में उसके सामने घास डाल जाती...... बकरा उसे पुनः खाने लगता.....!

इस प्रकार बहुत दिन बीत गए..... और, ये बात एक साधू ने सुनी....

सुनते ही उस साधू ने सोचा कि...... इस ऐलान का जरुर कुछ रहस्य है.... जिसे युक्ति से सुलझाना होगा...!

फिर वो साधू..... उस बकरे को लेकर चराने हेतु जंगल ले गए...... और, जब भी बकरा घास खाने के लिए जाता ... वे उसे छड़ी से मार देते ....!

दिन भर में ऐसा कई बार हुआ..... और, बकरे को ये बात समझ आ गयी कि..... अगर मैं घास खाने का प्रयत्न करूँगा तो.... मुझे मार खानी पड़ेगी....!

शाम को..... वो साधू .... उस बकरे को लेकर..... राज दरबार पहुंचे.....

हालाँकि... साधू ने बकरे को .... जरा सा भी घास नहीं खिलाई थी...... फिर भी उन्होंने राजा से कहा कि..... मैंने इसे भरपेट खिला दिया है.... अतः.. ये अब बिलकुल भी घास नहीं खायेगा.... आप परीक्षा कर लो...!

राजा ने परीक्षा हेतु.... उस बकरे के सामने घास डाली.... लेकिन.. उस बकरे ने घास को खाना तो दूर... उसे देखा और सूंघा तक नहीं...... क्योंकि... अब तक बकरे के मन में यह बात बैठ चुकी थी कि..... अगर घास खाने की कोशिश करूँगा तो .....मुझे मार खानी पड़ेगी...!

@@@ अब आप मुस्लिम को बकरा समझ लें.... और, साधू को अमेरिका, इंग्लैंड, फ़्रांस , आस्ट्रेलिया वगैरह देश ... जहाँ .... मुस्लिम रूपी बकरे को कभी कोई रियायत नहीं दी जाती है और उनसे सख्ती से कानून का पालन करवाया जाता है तो.... वे बिलकुल ठीक रहते हैं....!

वहीँ भारत में..... मुस्लिम रूपी बकरे को.... खूब घास खिलाई जाती है ताकि..... उसका पेट भर सके और वो दरबार में घास ना खाए .... लेकिन, निगोड़ी भूख है कि मिटती ही नहीं ...!

#### अब जो करना है..... वो आपको करना है....

घास खिलाते हुए .. उनके पेट भर जाने का भ्रम पालना है ... या फिर...... डंडे के सहारे..................????

मर्जी आपकी..... क्योंकि देश है आपका.....!

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