लोग कहते है बीजेपी हिन्दुत्व वाली पार्टी है इसमें मीडिया तथा वर्तमान समाज में माने हुए बुद्धिजीवी वर्ग विशेष तौर पर बीजेपी को हिन्दुत्व की एजेंडा वाली पार्टी मानती है इन तुच्छ तथा विकृत मानसिकता वाले बुद्धिजीवियों तथा मीडिया वालो को बीजेपी की एजेंडा में कहा से हिन्दुत्व व् साम्प्रदायिकता दिखाई दे जाती है
बीजेपी की मूल एजेंडा है देश में सामान नागरिक संहिता , स्वाभाविक है हमारे सविधान में सभी धर्मो को एक सामान मानते हुए सेक्युलर घोषित किया गया है , स्पष्ट है देश के सभी धर्मो के लिए एक सामान कानून हो जो दुर्भाग्य वश नहीं है , बीजेपी की एजेंडा में इसे सामान लेन की बाते है , ये एजेंडा सेक्युलर सोच की है या साम्प्रदायिक सोच की , यदि देश सामान नागरिक संहिता लागु नहीं तो सांप्रदायिक तो ये है सभी को सामान अधिकार हो इसी को तो सेक्युलर कहते है
दूसरी मूल एजेंडा ३७० धारा को हटाना है , एक तरफ हम कहते है कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है दूसरी तरफ हम स्वयं भारत की सामान्य सम्बिधानिक व्यवस्था से कश्मीर को ३७० धारा के तहत अलग करते है तो फिर ये देश का अभिन्न अंग कैसे हुवा यदि ये देश का अभिन्न अंग होता तो देश की सामान्य कानून व्यवस्था अन्य राज्यों की तरह यहाँ पर भी लागु होता बीजेपी कश्मीर को वास्तव में देश की अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार करने हेतु ३७० धारा को ख़त्म कर अन्य राज्यों की तरह कश्मीर को भी देश के साथ जोड़ना है , इसमें साम्प्रदायिकता कहा से आ गया
बचा मंदिर की मसला वैसे बीजेपी की ये एजेंडा नहीं है लेकिन जब हम ये जानते है की वहां राम मंदिर को ध्वस्त कर बाबर ने मस्जित का निर्माण किया और बाबर मेरे यानि देश के शत्रु रहे है तो शत्रु द्वारा किया गया उत्पात को यदि हम सूधार कर वहां मंदिर बनाते है तो इसमें साम्प्रदायिकता कहाँ से आया यदि इससे मुस्लिम वर्ग नाराज होता है इसका मतलब है की एसे लोग बाबर को देश का दुश्मन नहीं बल्कि देश भक्त मानता है और यदि एसा है तो सरासर एसे लोग राष्ट द्रोह का कम कर रहा है
हमें लगता है देश की सबसे बड़ी कमी मीडिया तथा विकृत मानसिकता के धनी तथाकथित बुद्धिजीवी है
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बीजेपी की मूल एजेंडा है देश में सामान नागरिक संहिता , स्वाभाविक है हमारे सविधान में सभी धर्मो को एक सामान मानते हुए सेक्युलर घोषित किया गया है , स्पष्ट है देश के सभी धर्मो के लिए एक सामान कानून हो जो दुर्भाग्य वश नहीं है , बीजेपी की एजेंडा में इसे सामान लेन की बाते है , ये एजेंडा सेक्युलर सोच की है या साम्प्रदायिक सोच की , यदि देश सामान नागरिक संहिता लागु नहीं तो सांप्रदायिक तो ये है सभी को सामान अधिकार हो इसी को तो सेक्युलर कहते है
दूसरी मूल एजेंडा ३७० धारा को हटाना है , एक तरफ हम कहते है कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है दूसरी तरफ हम स्वयं भारत की सामान्य सम्बिधानिक व्यवस्था से कश्मीर को ३७० धारा के तहत अलग करते है तो फिर ये देश का अभिन्न अंग कैसे हुवा यदि ये देश का अभिन्न अंग होता तो देश की सामान्य कानून व्यवस्था अन्य राज्यों की तरह यहाँ पर भी लागु होता बीजेपी कश्मीर को वास्तव में देश की अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार करने हेतु ३७० धारा को ख़त्म कर अन्य राज्यों की तरह कश्मीर को भी देश के साथ जोड़ना है , इसमें साम्प्रदायिकता कहा से आ गया
बचा मंदिर की मसला वैसे बीजेपी की ये एजेंडा नहीं है लेकिन जब हम ये जानते है की वहां राम मंदिर को ध्वस्त कर बाबर ने मस्जित का निर्माण किया और बाबर मेरे यानि देश के शत्रु रहे है तो शत्रु द्वारा किया गया उत्पात को यदि हम सूधार कर वहां मंदिर बनाते है तो इसमें साम्प्रदायिकता कहाँ से आया यदि इससे मुस्लिम वर्ग नाराज होता है इसका मतलब है की एसे लोग बाबर को देश का दुश्मन नहीं बल्कि देश भक्त मानता है और यदि एसा है तो सरासर एसे लोग राष्ट द्रोह का कम कर रहा है
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