Monday, 23 September 2013

हिथ्रो हवार्इ अड्डे पर बाबा रामदेव का अपमान

हिथ्रो हवार्इ अड्डे पर अपने अपमान के संबंध में बाबा राम देव का जो बयान आया है, उस पर स्वाभाविक रुप से कर्इ राजनेताओं के बयान आये हैं। स्वामी भक्ति में अटूट आस्था रखने वाले दरबारी तो वही बोलेंगे, जिससे वे स्तुतिगाण में अपनी प्रवीणता साबित कर सकें। किन्तु एक वामपंथी नेता का यह बयान कि देश को बाबाओं पर विश्वास नहीं करना चाहिये, युक्तिसंगत नहीं है। क्योंकि यह मामला बाबाओं से संबंधित नहीं है। यह मामला एक भारतीय नागरिक  से संबधित है, जिसे आतंकी मान कर अपमानित किया और भारतीय दूतावास और भारत सरकार ने उनकी कोर्इ मदद नहीं की। जिन राजनेताओं के मुहं से हमेशा एक धर्म विशेष से जुड़े प्रसिद्ध व्यक्तियों के ऊपर कीचड़ उछालने में ही मजा आता है, उनकी मानसिकता बदली नहीं जा सकती।
बहरहाल बाबा रामदेव ने जो कुछ कहा है यदि उसमें थोड़ी भी सच्चार्इ है तो यह समझा जा सकता है कि अपने आलोचको और विशेषकर कालेधन और भ्रष्टचार के विरुद्ध निरन्तर संघर्ष करने वाले व्यक्ति को कभी भी कहीं भी, उसके विरुद्ध किसी भी तरह की बदले की कार्यवाही की जा सकती है।
बाबा राम देव की आशाराम से तुलना नहीं की जा सकती। यदि उनमें आशाराम की तरह एक प्रतिशत भी दुर्बलता होती तो कभी के जेलों में ठूंस दिये जाते।  उनके ऊपर अनगिनित मुकदमे चलते। मीडिया कर्इ तरह की कहानियां बना का प्रचारित करता। उनके पंतजलि आश्रम पर ताला लग जाता। सारी जांच एजेंसियों को कुत्तों की तरह उन पर झपटने के लिए छोड़ देने के बाद भी जो सरकार कुछ नहीं कर पायी, वह सरकार निश्चित रुप से ऐसी घिनौनी हरकत कर सकती है।

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