कठिन डगर है। मोदी को कंटाकाकीर्ण मार्ग पर अपने आत्मबल से नंगे पांव
चलना होगा। पांव लहूलुहान होंगे। पग-पग पर अवरोध का सामना करना होगा।
मनोबल क्षीण होने लगेगा, किन्तु पूरे देश की जनता का यदि साथ जुड़ गया, तो
राह बहुत आसान हो जायेगी। जनता सारी बाधाओं को पार करवा कर मंजिल तक
पहुंचा देगी।
परन्तु जनता से कैसे जुड़ा जाय, यह यक्ष प्रश्न है। मोदी इंटरनेट के हीरो है। वहां उनका का जादू चलता है, किन्तु भारत के सभी साढ़े छ: लाख गावों में इंटरनेट नहीं पहुंचा है। भारत के अधिकांश मतदाता समाचार पत्र नहीं पढ़ सकते, क्योंकि वे निरक्षर है। टीवी गांवों तक पहुंच रहा है, किन्तु समाचार चेनलों के समाचारों में जनता की ज्यादा दिलचस्पी नहीं रहती है। यात्राओं से पूरा देश नही नापा जा सकता और न ही इसके माध्यम से प्रत्येक गांव और शहर तक अपनी बात पहुंचायी जा सकती है। भाषणों और नारों से थोड़ा बहुत माहौल अपने पक्ष में बनाया जा सकता है, किन्तु व्यापक और स्थायी नहीं।
मोदी की राह में सबसे बड़ा अवरोध कांग्रेस की घृणित चाले होगी। इन चालों से कांग्रेस अपने प्रमुख प्रदिद्वंद्वी को घेरने का हर सम्भव प्रयास करेगी। क्योंकि सिद्धान्त, देशभक्ति, निष्ठा, जनता के प्रतिसंवेदना, र्इमानदार व स्वच्छ प्रशासन देने में प्रतिबद्धता जैसे शब्दों का कांग्रेस पार्टी के लिए कोर्इ मतलब नहीं रह गया है। यह पार्टी सरकारी जांच एजेंसियों और प्रशासनिक मशीनरी से अपने विरोधियों को कुचलने में प्रवीण है। अत: प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की घोषणा के बाद जांच एजेंसियां मरे मुर्दें उखाड़ने के लिए सक्रिय हो जायेगी। भ्रष्टाचार के समुंद्र में तेर रही पार्टी गुजरात में भ्रष्टाचार के पोखर ढूंढेगी, ताकि प्रचार माध्यमों से उन प्रोखरों को समुंद्र दिखाया जा सके। स्वंय पूरी तरह नंगे हैं, किन्तु दूसरों के कपड़े उतार कर नंगे करने के प्रयास किये जायेंगे, ताकि जनता को यह समझाया जा सके कि राजनीति के हमाम मे सभी हमारी तरह नंगे हैं। खैर, निश्चित रुप से ऐसे कर्इ प्रयास किये जायेंगे, जिससे मोदी की गुजरात में ही घेराबंदी की जा सके और वे पूरे देश में नहीं घूम सके।
निश्चय ही, मोदी की छवि खराब करने के हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। 2002 के गुजरात दंगो का फिर व्यापक प्रचार कर पूरे देश के मुस्लिम समुदाय को भयभीत किया जायेगा। परन्तु कांग्रेस की इस चुनौती का जवाब मोदी को ढूंढ़ना होगा। कांग्रेस के दस वर्ष के कुशासन का पोस्टमार्टम करने का समय आ गया है। उसकी अतिभ्रष्ट व कंलकित छवि को व्यापक रुप से प्रचारित करने की आज आवश्यकता है। फिर कांग्रेस की शरण में जाने के क्या दुखद परिणाम भोगने पड़ सकते हैं, यह बात को जनता को समझानी होगी।
मोदी को पूरे देश में जनजागृति अभियान का श्रीगणेश करना होगा। विज्ञापनों से नहीं। भाषणों और नारों से नहीं। घर-घर जा कर जनता को समझाना होगा। इस अभियान को सुचारु ढंग से संचालित करने के लिए भाजपा नेताओं को पूरे देश के प्रत्येक गांव और शहरों के मोहल्लों में भेजना होगा। देश भर में फैले हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को साथ में लें जनता को कांग्रेस की नीतियों और भ्रष्टाचार से उत्पन्न हुए वीभत्स परिणामों को सरल भाषा में समझाना होगा, ताकि जनता को यह समझ में आ जाय कि देश की दुर्दशा और उनकी समस्याओं की जिम्मेदार कौन है। इस अभियान से यदि कांग्रेस मोदी को गुजरात में घेरना चाहेगी, तो जनता उसे पूरे देश में घेर लेगी। कांग्रेसी नेता जहां भी वोट मांगने जायेंगे, जनता उनसे घोटालों और घपलों का राज जानना चाहेगी। बढ़ती हुर्इ महंगार्इ के कारणों पर सवाल पूछेगी । जब तक पूरे देश की जनता एक पार्टी के नेताओं को नंगा नहीं बतायेगी, तब तक ये इस बात पर गरुर करते रहेंगे कि हम कैसे भी हैं, जनता हमारे प्रलोभनो को स्वीकार कर गदगद हो जायेगी और हमारे पक्ष में मतदान करती रहेगी।
मोदी के समक्ष दूसरी चुनौती होगी – भारत के मुस्लिम समुदाय का दिल जीतना और उसके मन में बैठी हुए अविश्वास और भ्रांतियों को दूर करना। उन्हें यह समझाना होगा कि स्वच्छ और जवाबदेय प्रशासन से ही नागरिकों की समस्याएं सुलझायी जा सकती है। विकास से समृद्धि आती है और गरीबी और बेरोजगारी की समस्या से निज़ात मिलती है। अर्थ प्रधान युग में मजहब के आधार पर किसी नागरिक हैसियत नहीं बढ़ती है, वरन उसकी सम्पन्नता ही उसे समाज में प्रतिष्ठा दिलाती है। जबकि गरीबी और तंगहाली अभावों की सौगात देती है। आज़ादी की छियांसठ वर्षों में मुस्लिम समाज ने सभी पार्टियों को परख लिया है। सभी पार्टियों ने उन्हें ठगा है। उनकी भावनाओं के साथ विश्वासघात किया है। उनका छुपा हुआ मकसद एक ही रहता है-’ भारतीय मुस्लिम हमेशा गरीब और पिछड़ा हुआ रहे, ताकि उसे पुचकार कर और उनके मन में अविश्वास की भावना भर कर उसके थोक वोटों का उपयोग अपने सियासी लाभ के लिए उठाया जा सके। मुस्लिम समुदाय को समझाया जा सकता है कि अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए और खुशहाल जिंदगी जीने के लिए एक बार हमे परखों, हम धोखा नहीं देंगे। जिन प्रदेशों में भाजपा की सरकारे हैं, वहां के मुस्लिम समुदाय की आर्थिक प्रगति और जीवन स्तर की तुलना उन राज्यों से की जा सकती हैं, जहां दूसरें दलों की सरकारे हैं।
भारत के सभी समुदाय को एकीकृत करने में यदि मोदी सफल हो जाय, तो यह एक करिश्मा होगा। क्योंकि जो मोदी के नाम पर समाज का धु्रवीकरण करने की आशा संजोये बैठे हैं, उनकी आशाओं पर तुषारापात हो जायेगा। एकीकृत समाज का सपना यदि मोदी पूरा कर लेंगे, तो वे एक इतिहास रच लेंगे। भारत के कर्इ क्षत्रपों का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ जायेगा। कांग्रेस को उन राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ेगा, जहां उसका भाजपा से सीधा मुकाबला है। यदि मुस्लिम समुदाय भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे, तब उसकी छवि एक अछूत राजनीतिक दल की नहीं रहेगी। कर्इ छोटे राजनीतिक दल उसके साथ आने में नहीं झिझकेगें। भाजपा की शक्ति जितनी बढ़ेगी, उसका प्रतिकूल प्रभाव कांग्रेस पर पडे़गा। यदि कांग्रेस बहुत अधिक सिकुड़ गयी, तब वह उस स्थिति में नहीं रहेगी कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एक कर अपनी सरकार बना लें या अपने समर्थन से ऐसी कोर्इ सरकार बनवा सकें।
एकीकृत भारतीय समुदाय का स्वपन साकार किया जा सकता है यदि मोदी हिन्दुत्व की जगह एक नया नारा दें – ‘ भारतत्व ‘। हिन्दुत्व और भारतत्व में शब्द विभेद है, किन्तु भाव एक ही है। भारतत्व कर्इ आशंकाओं और विभ्रम पर विराम लगा देगा। निश्चय ही सुशासन, जवाबदेय प्रशासन व भ्रष्टाचार मुक्त भारत निमार्ण के लिए ‘भारतत्व’ से पूरे भारत को जोड़ा जा सकता है। यह कार्य कठिन नहीं है, क्योंकि भाजपा का प्रभाव पूरे देश के प्रत्येक गांव और शहर में है। भाजपा नेता – भारतत्व से पूरे देश को अपने साथ जोड़ सकते हैं।
परन्तु जनता से कैसे जुड़ा जाय, यह यक्ष प्रश्न है। मोदी इंटरनेट के हीरो है। वहां उनका का जादू चलता है, किन्तु भारत के सभी साढ़े छ: लाख गावों में इंटरनेट नहीं पहुंचा है। भारत के अधिकांश मतदाता समाचार पत्र नहीं पढ़ सकते, क्योंकि वे निरक्षर है। टीवी गांवों तक पहुंच रहा है, किन्तु समाचार चेनलों के समाचारों में जनता की ज्यादा दिलचस्पी नहीं रहती है। यात्राओं से पूरा देश नही नापा जा सकता और न ही इसके माध्यम से प्रत्येक गांव और शहर तक अपनी बात पहुंचायी जा सकती है। भाषणों और नारों से थोड़ा बहुत माहौल अपने पक्ष में बनाया जा सकता है, किन्तु व्यापक और स्थायी नहीं।
मोदी की राह में सबसे बड़ा अवरोध कांग्रेस की घृणित चाले होगी। इन चालों से कांग्रेस अपने प्रमुख प्रदिद्वंद्वी को घेरने का हर सम्भव प्रयास करेगी। क्योंकि सिद्धान्त, देशभक्ति, निष्ठा, जनता के प्रतिसंवेदना, र्इमानदार व स्वच्छ प्रशासन देने में प्रतिबद्धता जैसे शब्दों का कांग्रेस पार्टी के लिए कोर्इ मतलब नहीं रह गया है। यह पार्टी सरकारी जांच एजेंसियों और प्रशासनिक मशीनरी से अपने विरोधियों को कुचलने में प्रवीण है। अत: प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की घोषणा के बाद जांच एजेंसियां मरे मुर्दें उखाड़ने के लिए सक्रिय हो जायेगी। भ्रष्टाचार के समुंद्र में तेर रही पार्टी गुजरात में भ्रष्टाचार के पोखर ढूंढेगी, ताकि प्रचार माध्यमों से उन प्रोखरों को समुंद्र दिखाया जा सके। स्वंय पूरी तरह नंगे हैं, किन्तु दूसरों के कपड़े उतार कर नंगे करने के प्रयास किये जायेंगे, ताकि जनता को यह समझाया जा सके कि राजनीति के हमाम मे सभी हमारी तरह नंगे हैं। खैर, निश्चित रुप से ऐसे कर्इ प्रयास किये जायेंगे, जिससे मोदी की गुजरात में ही घेराबंदी की जा सके और वे पूरे देश में नहीं घूम सके।
निश्चय ही, मोदी की छवि खराब करने के हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। 2002 के गुजरात दंगो का फिर व्यापक प्रचार कर पूरे देश के मुस्लिम समुदाय को भयभीत किया जायेगा। परन्तु कांग्रेस की इस चुनौती का जवाब मोदी को ढूंढ़ना होगा। कांग्रेस के दस वर्ष के कुशासन का पोस्टमार्टम करने का समय आ गया है। उसकी अतिभ्रष्ट व कंलकित छवि को व्यापक रुप से प्रचारित करने की आज आवश्यकता है। फिर कांग्रेस की शरण में जाने के क्या दुखद परिणाम भोगने पड़ सकते हैं, यह बात को जनता को समझानी होगी।
मोदी को पूरे देश में जनजागृति अभियान का श्रीगणेश करना होगा। विज्ञापनों से नहीं। भाषणों और नारों से नहीं। घर-घर जा कर जनता को समझाना होगा। इस अभियान को सुचारु ढंग से संचालित करने के लिए भाजपा नेताओं को पूरे देश के प्रत्येक गांव और शहरों के मोहल्लों में भेजना होगा। देश भर में फैले हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को साथ में लें जनता को कांग्रेस की नीतियों और भ्रष्टाचार से उत्पन्न हुए वीभत्स परिणामों को सरल भाषा में समझाना होगा, ताकि जनता को यह समझ में आ जाय कि देश की दुर्दशा और उनकी समस्याओं की जिम्मेदार कौन है। इस अभियान से यदि कांग्रेस मोदी को गुजरात में घेरना चाहेगी, तो जनता उसे पूरे देश में घेर लेगी। कांग्रेसी नेता जहां भी वोट मांगने जायेंगे, जनता उनसे घोटालों और घपलों का राज जानना चाहेगी। बढ़ती हुर्इ महंगार्इ के कारणों पर सवाल पूछेगी । जब तक पूरे देश की जनता एक पार्टी के नेताओं को नंगा नहीं बतायेगी, तब तक ये इस बात पर गरुर करते रहेंगे कि हम कैसे भी हैं, जनता हमारे प्रलोभनो को स्वीकार कर गदगद हो जायेगी और हमारे पक्ष में मतदान करती रहेगी।
मोदी के समक्ष दूसरी चुनौती होगी – भारत के मुस्लिम समुदाय का दिल जीतना और उसके मन में बैठी हुए अविश्वास और भ्रांतियों को दूर करना। उन्हें यह समझाना होगा कि स्वच्छ और जवाबदेय प्रशासन से ही नागरिकों की समस्याएं सुलझायी जा सकती है। विकास से समृद्धि आती है और गरीबी और बेरोजगारी की समस्या से निज़ात मिलती है। अर्थ प्रधान युग में मजहब के आधार पर किसी नागरिक हैसियत नहीं बढ़ती है, वरन उसकी सम्पन्नता ही उसे समाज में प्रतिष्ठा दिलाती है। जबकि गरीबी और तंगहाली अभावों की सौगात देती है। आज़ादी की छियांसठ वर्षों में मुस्लिम समाज ने सभी पार्टियों को परख लिया है। सभी पार्टियों ने उन्हें ठगा है। उनकी भावनाओं के साथ विश्वासघात किया है। उनका छुपा हुआ मकसद एक ही रहता है-’ भारतीय मुस्लिम हमेशा गरीब और पिछड़ा हुआ रहे, ताकि उसे पुचकार कर और उनके मन में अविश्वास की भावना भर कर उसके थोक वोटों का उपयोग अपने सियासी लाभ के लिए उठाया जा सके। मुस्लिम समुदाय को समझाया जा सकता है कि अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए और खुशहाल जिंदगी जीने के लिए एक बार हमे परखों, हम धोखा नहीं देंगे। जिन प्रदेशों में भाजपा की सरकारे हैं, वहां के मुस्लिम समुदाय की आर्थिक प्रगति और जीवन स्तर की तुलना उन राज्यों से की जा सकती हैं, जहां दूसरें दलों की सरकारे हैं।
भारत के सभी समुदाय को एकीकृत करने में यदि मोदी सफल हो जाय, तो यह एक करिश्मा होगा। क्योंकि जो मोदी के नाम पर समाज का धु्रवीकरण करने की आशा संजोये बैठे हैं, उनकी आशाओं पर तुषारापात हो जायेगा। एकीकृत समाज का सपना यदि मोदी पूरा कर लेंगे, तो वे एक इतिहास रच लेंगे। भारत के कर्इ क्षत्रपों का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ जायेगा। कांग्रेस को उन राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ेगा, जहां उसका भाजपा से सीधा मुकाबला है। यदि मुस्लिम समुदाय भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे, तब उसकी छवि एक अछूत राजनीतिक दल की नहीं रहेगी। कर्इ छोटे राजनीतिक दल उसके साथ आने में नहीं झिझकेगें। भाजपा की शक्ति जितनी बढ़ेगी, उसका प्रतिकूल प्रभाव कांग्रेस पर पडे़गा। यदि कांग्रेस बहुत अधिक सिकुड़ गयी, तब वह उस स्थिति में नहीं रहेगी कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एक कर अपनी सरकार बना लें या अपने समर्थन से ऐसी कोर्इ सरकार बनवा सकें।
एकीकृत भारतीय समुदाय का स्वपन साकार किया जा सकता है यदि मोदी हिन्दुत्व की जगह एक नया नारा दें – ‘ भारतत्व ‘। हिन्दुत्व और भारतत्व में शब्द विभेद है, किन्तु भाव एक ही है। भारतत्व कर्इ आशंकाओं और विभ्रम पर विराम लगा देगा। निश्चय ही सुशासन, जवाबदेय प्रशासन व भ्रष्टाचार मुक्त भारत निमार्ण के लिए ‘भारतत्व’ से पूरे भारत को जोड़ा जा सकता है। यह कार्य कठिन नहीं है, क्योंकि भाजपा का प्रभाव पूरे देश के प्रत्येक गांव और शहर में है। भाजपा नेता – भारतत्व से पूरे देश को अपने साथ जोड़ सकते हैं।
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