है ना अजीब बात ? लेकिन मैं साबित करने की कोशिश करता हूँ …………………………….
पहला सवाल ……..क्या मोदी समाज में एकजुटता ला सकते है ?……………हाँ
मैंने भी सुना है कि 2002 के दंगों में मोदी ने दंगों को हवा दी और मैं भी मानता हूँ कि अगर ये किया गया है तो निश्चित रूप से गलत था लेकिन फिर भी आज गुजरात मैं शान्ति है और वो मुख्यमंत्री हैं……. और जहां नितीश कुमार और मुलायम सिंह जैसे जो खुद को तथाकथित सेकुलर बताते नहीं थकते वहाँ मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं और चूँकि दोनों कोंग्रेश को समर्थन दे रहे हैं इसीलिये कोंग्रेश भी जिम्मेवार है …..सवाल ये भी बनता है कि भाजपा ने ये दंगे कराये हैं ?…….वोट की खातिर ?……… तब सवाल ये भी उठता है कि अगर वोट दंगे कराने मिलता तो सबसे पहले दंगे मध्यप्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगड़ में होने चाहिए ? और भाजपा को कराने में भी आसानी होती क्योंकि यहाँ पर इनकी स्थिति यूपी से अच्छी है !
दूसरा सवाल …….क्या मोदी कि मान्यताओं में मुसलमानों का कोई स्थान है ?……..बिलकुल है
अगर टोपी प्रकरण को समझा जाए तो एक पक्ष ये भी हो सकता है वो आपको धोखा नहीं देना चाहते उनके इरादों में धोखे बाजी नहीं है ये एक सच्चे इंसान कि निशानी है एक ओर जहां सारे देश में मुसलमान अपने आप को उपेक्षित महसूस करते हैं वहीँ मोदी उनको मुख्या धारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं उनके मुख से कभी भेदभाव कि बात नहीं आती !
तीसरा सवाल …… क्या मोदी के समय या राज में मुसलमान सुखी रहेंगे ?
लोग और विपक्षी पार्टिया गुजरात दंगों की बात करते हैं लेकिन मुसलमानों कि छवि खराब करने में इन्ही पार्टियों का हाथ है ये लोग एक तरफ जहां मुस्लिम समाज को वोट की खातिर बहुसंख्यक समाज से तोड़ने की साजिश करते रहते हैं वहीँ दूसरी तरफ गुजरात की शांती ने मुस्लिम समाज को विकास करने का मौक़ा मिला वहाँ ११ साल तक कोई दंगा ना होने वजह से आपसी द्वेष भी खात्मे की ओर है ! इंडियन मुजाहिदीन जिसे गुजरात दंगों की उपज माना जाता है आज गुजरात छोड़ कर पूरे भारत में आतंक वाद फैला रहा है गुजरात में जाने की हिम्मत नहीं पड़ती !
चौथा सवाल …… क्या मोदी आगे और भी जगह दंगे करवा सकते हैं ?
ये अन्य पार्टियों द्वारा फैलाया हुआ सबसे गंदा झूठ है दरअसल उन सबको खुद की चिता है कहीं गुजरात की तरह पूरे भारत से साफ़ ना हो जाएँ ……इन तथाकथित सेकुलर ताकतों ने आज तक हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए क्या किया ? इनका जब भी मुह खुलता है तो समाज को और वैमनश्व की तरफ धकेल देते हैं …..अगर ये तथाकथित सेकुलर दलों ने अगर भारत और समाज को कोई सही दिशा दी होती तो क्या आज की जनता भी सेकुलर नहीं होती और इतना बड़ा आरोप कि जो भी मोदी को वोट देगा वो सांप्रदायिक है ये भारतीय जनमानस के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगाने जैसा है ना चाहते हुए भी ये लोग जानबूझ कर हिन्दू मुस्लिम की भावनाओं को दिशा देने का काम कर रहे हैं और अगर इसी प्रकार विषवमन करते रहे तो भविष्य के परिणाम समाज के लिए अच्छे नहीं होंगे !
एक सफ़ेद झूठ जिसे जबरजस्ती आरोपित किया जाता है और जिसे मीडिआ का भी पूरा समर्थन मिला हुआ है कि २००२ के तत्कालीन प्रधानमन्त्री ने मोदी को राजधर्म नहीं निभा पाने को कहा था मैंने पूरा वीडिओ देखा है और हम सभी देख सकते हैं उन्होंने कहा है कि ” मोदी जी को राज धर्म का पालन करना चाहिए और मोदी जी वही कर रहे” हैं !
पांचवां सवाल ……क्या कोई और आप्शन भी है जनता के पास ?
बिलकुल नहीं ……….कोंग्रेश ये चाहती है कि वोट अगर मुझे ना मिले तो क्षेत्रीय पार्टियों को मिल जाए जिससे कि कोंग्रेश बाहर से समर्थन कर आपने पापों को धोने में कामयाब हो जाए ये स्थिति क्षेत्रीय पार्टियों और सामजिक अराजक तत्त्वओ के लिए भले ही अच्छी हो जाए लेकिन देश के लिए बहुत ही घातक साबित होगी ….देश एक दिशा हीनता की तरफ चला जाएगा जो कि सही नहीं है जिसे हमने 1992 से 1998 तक भुगता है अब और भुगतने की स्थिती मैं नहीं हैं......
पहला सवाल ……..क्या मोदी समाज में एकजुटता ला सकते है ?……………हाँ
मैंने भी सुना है कि 2002 के दंगों में मोदी ने दंगों को हवा दी और मैं भी मानता हूँ कि अगर ये किया गया है तो निश्चित रूप से गलत था लेकिन फिर भी आज गुजरात मैं शान्ति है और वो मुख्यमंत्री हैं……. और जहां नितीश कुमार और मुलायम सिंह जैसे जो खुद को तथाकथित सेकुलर बताते नहीं थकते वहाँ मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं और चूँकि दोनों कोंग्रेश को समर्थन दे रहे हैं इसीलिये कोंग्रेश भी जिम्मेवार है …..सवाल ये भी बनता है कि भाजपा ने ये दंगे कराये हैं ?…….वोट की खातिर ?……… तब सवाल ये भी उठता है कि अगर वोट दंगे कराने मिलता तो सबसे पहले दंगे मध्यप्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगड़ में होने चाहिए ? और भाजपा को कराने में भी आसानी होती क्योंकि यहाँ पर इनकी स्थिति यूपी से अच्छी है !
दूसरा सवाल …….क्या मोदी कि मान्यताओं में मुसलमानों का कोई स्थान है ?……..बिलकुल है
अगर टोपी प्रकरण को समझा जाए तो एक पक्ष ये भी हो सकता है वो आपको धोखा नहीं देना चाहते उनके इरादों में धोखे बाजी नहीं है ये एक सच्चे इंसान कि निशानी है एक ओर जहां सारे देश में मुसलमान अपने आप को उपेक्षित महसूस करते हैं वहीँ मोदी उनको मुख्या धारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं उनके मुख से कभी भेदभाव कि बात नहीं आती !
तीसरा सवाल …… क्या मोदी के समय या राज में मुसलमान सुखी रहेंगे ?
लोग और विपक्षी पार्टिया गुजरात दंगों की बात करते हैं लेकिन मुसलमानों कि छवि खराब करने में इन्ही पार्टियों का हाथ है ये लोग एक तरफ जहां मुस्लिम समाज को वोट की खातिर बहुसंख्यक समाज से तोड़ने की साजिश करते रहते हैं वहीँ दूसरी तरफ गुजरात की शांती ने मुस्लिम समाज को विकास करने का मौक़ा मिला वहाँ ११ साल तक कोई दंगा ना होने वजह से आपसी द्वेष भी खात्मे की ओर है ! इंडियन मुजाहिदीन जिसे गुजरात दंगों की उपज माना जाता है आज गुजरात छोड़ कर पूरे भारत में आतंक वाद फैला रहा है गुजरात में जाने की हिम्मत नहीं पड़ती !
चौथा सवाल …… क्या मोदी आगे और भी जगह दंगे करवा सकते हैं ?
ये अन्य पार्टियों द्वारा फैलाया हुआ सबसे गंदा झूठ है दरअसल उन सबको खुद की चिता है कहीं गुजरात की तरह पूरे भारत से साफ़ ना हो जाएँ ……इन तथाकथित सेकुलर ताकतों ने आज तक हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए क्या किया ? इनका जब भी मुह खुलता है तो समाज को और वैमनश्व की तरफ धकेल देते हैं …..अगर ये तथाकथित सेकुलर दलों ने अगर भारत और समाज को कोई सही दिशा दी होती तो क्या आज की जनता भी सेकुलर नहीं होती और इतना बड़ा आरोप कि जो भी मोदी को वोट देगा वो सांप्रदायिक है ये भारतीय जनमानस के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगाने जैसा है ना चाहते हुए भी ये लोग जानबूझ कर हिन्दू मुस्लिम की भावनाओं को दिशा देने का काम कर रहे हैं और अगर इसी प्रकार विषवमन करते रहे तो भविष्य के परिणाम समाज के लिए अच्छे नहीं होंगे !
एक सफ़ेद झूठ जिसे जबरजस्ती आरोपित किया जाता है और जिसे मीडिआ का भी पूरा समर्थन मिला हुआ है कि २००२ के तत्कालीन प्रधानमन्त्री ने मोदी को राजधर्म नहीं निभा पाने को कहा था मैंने पूरा वीडिओ देखा है और हम सभी देख सकते हैं उन्होंने कहा है कि ” मोदी जी को राज धर्म का पालन करना चाहिए और मोदी जी वही कर रहे” हैं !
पांचवां सवाल ……क्या कोई और आप्शन भी है जनता के पास ?
बिलकुल नहीं ……….कोंग्रेश ये चाहती है कि वोट अगर मुझे ना मिले तो क्षेत्रीय पार्टियों को मिल जाए जिससे कि कोंग्रेश बाहर से समर्थन कर आपने पापों को धोने में कामयाब हो जाए ये स्थिति क्षेत्रीय पार्टियों और सामजिक अराजक तत्त्वओ के लिए भले ही अच्छी हो जाए लेकिन देश के लिए बहुत ही घातक साबित होगी ….देश एक दिशा हीनता की तरफ चला जाएगा जो कि सही नहीं है जिसे हमने 1992 से 1998 तक भुगता है अब और भुगतने की स्थिती मैं नहीं हैं......
No comments:
Post a Comment