1. आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया |
2. काबुल जो श्री राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा|
3. गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा|
4. कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |
5. बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू थे आज सिर्फ 20% बचे |
6. कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 50% हिंदू थे , आज नाम मात्र के ही हिंदू बचे|
7. केरल मे 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है |
8. उत्तर-पूर्व जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
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1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा .. एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारीजिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है |
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कांग्रेस के लोग कृपा करके सोनिया गाँधी को समझाये की वो विभाजन काल की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से कुछ सीखता नही वो मिट जाता है.
अब समय हैं जागने का...
अगर अब भी नही जागे तो फिर हमारी भी हालत कश्मीर घाटी, कम्बोडिया, पारस या पर्शिया, जैसी हो जायेगी और फिर हम घर के रहेंगे न घाट के..
हम हिन्दुओ को अपने इतिहास से सिखने की जरूरत हैं, आखिर क्यों हम हिन्दू अपना इतिहास भूल जाते हैं??
5. बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू थे आज सिर्फ 20% बचे |
6. कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 50% हिंदू थे , आज नाम मात्र के ही हिंदू बचे|
7. केरल मे 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है |
8. उत्तर-पूर्व जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
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1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा .. एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारीजिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है |
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कांग्रेस के लोग कृपा करके सोनिया गाँधी को समझाये की वो विभाजन काल की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से कुछ सीखता नही वो मिट जाता है.
अब समय हैं जागने का...
अगर अब भी नही जागे तो फिर हमारी भी हालत कश्मीर घाटी, कम्बोडिया, पारस या पर्शिया, जैसी हो जायेगी और फिर हम घर के रहेंगे न घाट के..
हम हिन्दुओ को अपने इतिहास से सिखने की जरूरत हैं, आखिर क्यों हम हिन्दू अपना इतिहास भूल जाते हैं??
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