HINDU DHARM
हिन्दुत्व
के प्रमुख तत्त्व निम्नलिखित हैं-हिन्दू-धर्म -----हिन्दू-कौन ?-- गोषु
भक्तिर्भवेद्यस्य प्रणवे च दृढ़ा मतिः। पुनर्जन्मनि विश्वासः स वै
हिन्दुरिति स्मृतः।। अर्थात-- गोमाता में जिसकी भक्ति हो, प्रणव जिसका
पूज्य मन्त्र हो, पुनर्जन्म में जिसका विश्वास हो--वही हिन्दू है।
मेरुतन्त्र ३३ प्रकरण के अनुसार ' हीनं दूषयति स हिन्दु ' अर्थात जो हीन (
हीनता या नीचता ) को दूषित समझता है (उसका त्याग करता है) वह हिन्दु है।
लोकमान्य तिलक के अनुसार- असिन्धोः सिन्धुपर्यन्ता यस्य भारतभूमिका।
पितृभूः पुण्यभूश्चैव स वै हिन्दुरिति स्मृतः।। अर्थात्- सिन्धु नदी के
उद्गम-स्थान से लेकर सिन्धु (हिन्द महासागर) तक सम्पूर्ण भारत भूमि जिसकी
पितृभू (अथवा मातृ भूमि) तथा पुण्यभू ( पवित्र भूमि) है, ( और उसका धर्म
हिन्दुत्व है ) वह हिन्दु कहलाता है। हिन्दु शब्द मूलतः फा़रसी है इसका
अर्थ उन भारतीयों से है जो भारतवर्ष के प्राचीन ग्रन्थों, वेदों, पुराणों
में वर्णित भारतवर्ष की सीमा के मूल एवं पैदायसी प्राचीन निवासी हैं।
कालिका पुराण, मेदनी कोष आदि के आधार पर वर्तमान हिन्दू ला के
मूलभूत आधारों के अनुसार वेदप्रतिपादित रीति से वैदिक धर्म में विश्वास
रखने वाला हिन्दू है। यद्यपि कुछ लोग कई संस्कृति के मिश्रित रूप को ही
भारतीय संस्कृति मानते है, जबकि ऐसा नही है। जिस संस्कृति या धर्म की
उत्पत्ती एवं विकास भारत भूमि पर नहीं हुआ है, वह धर्म या संस्कृति भारतीय (
हिन्दू ) कैसे हो सकती है।
१. ईश्वर एक नाम अनेक।
२. ब्रह्म या परम तत्त्व सर्वव्यापी है।
३. ईश्वर से डरें नहीं, प्रेम करें और प्रेरणा लें।
४. हिन्दुत्व का लक्ष्य स्वर्ग-नरक से ऊपर।
५. हिन्दुओं में कोई एक पैगम्बर नहीं है, बल्कि अनेकों पैगंबर हैं।
६. धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार-बार पैदा होते हैं।
७. परोपकार पुण्य है दूसरों के कष्ट देना पाप है।
८. जीवमात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है।
९. स्त्री आदरणीय है।
१०. सती का अर्थ पति के प्रति सत्यनिष्ठा है।
११. हिन्दुत्व का वास हिन्दू के मन, संस्कार और परम्पराओं में।
१२. पर्यावरण की रक्षा को उच्च प्राथमिकता।
१३. हिन्दू दृष्टि समतावादी एवं समन्वयवादी।
१४. आत्मा अजर-अमर है।
१५. सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र।
१६. हिन्दुओं के पर्व और त्योहार खुशियों से जुड़े हैं।
१७. हिन्दुत्व का लक्ष्य पुरुषार्थ है और मध्य मार्ग को सर्वोत्तम माना गया है।
१८. हिन्दुत्व एकत्व का दर्शन है !!!
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