Friday 16 August 2013

kavita2

 "सीना चीर दिया वेदों का, घायलकिया पुराणों को..!बेच दिया वोटों की खातिर,संस्कृति के प्रतिमानों को..!"."हरे रंग को खुश करने में,भगवा को नीलाम किया..!अरे सियासी कलमूहों यह बहुतघिनौना काम किया..!"...."तुमने काशी-पूरी-द्वारिका केध्वज को दुत्कारा है..!गाँधी परिवार पर कालिख है ऐसा अपराधतुम्हारा है..!"."जिस रंग से पहचान हमारी धर्मसनातन जिंदा है..!उसपर तुमने दाग लगाया हर हिन्दूशर्मिंदा है..!"."भगवा को आतंक बतानेवालों मुझको लगता है..!नस्ल तुम्हारी नकलीहै और खूनतुम्हारा गन्दा है..!"

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